Motivational Story Of Akbar Birbal By Sandeep Maheshwari

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Motivational Story in Hindi Of Akbar Birbal by Sandeep Maheshwari

 

एक बार अकबर और बीरबल शिकार पर जा रहे होते है. अचानक तलवार निकलते हुए अकबर का अंगूठा कट जाता है. अकबर चीखने चिल्लाने लग जाता है. सिपाहियों पर चीखता है ” हकीम को बुला कर लाओ देखो मेरे साथ क्या हो गया ” तभी इतने में बीरबल वहा आ जाता है और कटा हुआ अंगूठा देख हसते हुए कहता है ” जो होता है अच्छे के लिए होता है

अकबार को और ज्यादा गुस्सा आ जाता है वह बीरबल को भरा बुला कहता है और सिपाहियों को आदेश देता है की पूरी रात बीरबल को उल्टा लटका कर कोड़े मारे जाये सुबह होते ही फांसी दे देना. ये सब कह कर अकबर अकेला ही शिकार पर चला जाता है.

 

जहाँ रास्ते में अकबर को आदिवासी पकड़ कर ले जाते है और उसकी बलि देने के लिए उल्टा टांग देते है.

 

Akbar Birbal Kahani in Hindi

 

अचानक एक आदिवासी की नजर अकबर के कटे हुए अंगूठे पर पड़ती है. वह अपने साथियों को इस बारे में बताता है और कहता है की हम इसकी बलि नहीं दे सकते ये अशुद्ध है.

वे लोग अकबर को छोड देते है , अकबर को एहसास होता है बीरबल सही कह रहा था ” जो होता है अच्छे के लिए होता है ” वो रोता चिल्लाता हुआ वहा से भागने लगता है. सुबह का समय जब बीरबल को फांसी होनी होती है.

 

Hindi Story of Akbar Birbal

 

अकबर वहा पहुचता है और सिपाहियों को फांसी रोकने का हुकुम देते हुए बीरबल को गले लगा लेता है.

बीरबल को ये बात समझ नहीं आती , अकबर सारी बात बताता है की अगर उसका अंगूठा न कटा होता तो आदिवासी आज उसकी बलि चड़ा देते. तुमने सही कहा था और मै कितना बुरा हूँ तुम्हे मैंने इतनी सजा दे दी.बीरबल ये सब सुनकर हसने लगता है और फिर कहता है .. महाराज जो होता है अच्छे के लिए होता है आपने कुछ गलत नहीं किया.

 

अकबर फिर सोच में पड़ जाता है की बीरबल को सजा देने में क्या अच्छा ?

बीरबल कहता है , जहापनाह .. अगर आप मुझे सजा नहीं देते तो मै आपके साथ शिकार पर गया होता. और आदिवासी आपको छोड कर मेरी बलि चढा देते.

 

Source : Internet / Sandeep Maheshwari

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