Motivational Hindi Story : बदलाव की शुरुआत

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Motivational Hindi Story : बदलाव की शुरुआत

 

हम सभी की जिन्दगी में बहुत से क्षण ऐसे आते है जब हम अपने को टुटा हुआ महसूस करते है या फिर हमे लगता है की हम जितने भी प्रयास कर रहे है वे हमे सफलता दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं है. ऐसे में हमे अंदाजा भी नहीं होता की हम अपनी सफलता से कितने पास आ कर भी दूर हो जाते है.
हमे अपनी क्षमता पर भरोसा रखना चाहिये और हम जिस दिशा में आगे बढ़ रहे है सिर्फ उसी पर सोचना चाहिये. हमारी सोच एक बदलाव लाने के लिए काफी है.

आइये ये कहानी हमे समझाएगी की एक सोच किस तरह बदलाव लाता है.

ये कहानी है एक छोटे लडके की जो सुबह सुबह रोज सैर के लिए निकलता था. आते जाते वह एक बूढी औरत को कछुए की पीठ साफ़ करते देखा करता उसे ये देख कर बहुत हैरानी होती. एक दिन उसने उस बूढ़ी महिला से इसका कारण पूछने की इच्छा जताई. उसने उस महिला से अभिवादन करते हुए पूछा की आप ये क्या करती है इस से आपको क्या फायदा मिलता है ?

उस बूढी महिला ने प्यार से मुस्कुराते हुए उस बच्चे को उत्तर दिया की ऐसा करने से मुझे शांति का अनुभव होता है. क्युकी कछुए की पीठ पर जो कवच होता है उस पर गंदिगी जमा होती जाती है और वो गंदिगी कछुए के कवच को कमजोर बनाती है जिस से कछुए तैर नहीं पाते.

लड़का महिला की बात को सुन कर हैरान हो गया. उसने फिर एक प्रश्न किया बेशक आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो लेकिन ऐसे तो बहुत से कछुए है जो इस से भी ज्यादा बुरी हालत में है तो आप कितनो को ऐसे साफ़ कर पायेगी आपके अकेले ऐसे करने से तो कोई बदलाव नहीं आयेगा न ?

उस बूढ़ी महिला ने उस लड़के के सर पर हाथ रखते हुए नम्रता से जबाब दिया , बेशक मेरे ऐसा करने से सभी कछुओ की जिन्दगी में बदलाव नहीं आएगा लेकिन मै जितने कछुओ की पीठ साफ़ कर सकुगी उन सबकी जिदंगी में तो बदलाव आएगा न. तो क्यों न हम छोटे बदलाव से ही शुरुआत करे.

 

 

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