Hindi story of Sikandar and poor man : एक फ़कीर और सिकंदर

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Hindi story of Sikandar and poor man : एक फ़कीर और सिकंदर ..

 

सिकंदर जब दुनिया को जीत कर वापस अपने राज्य लौटा तो घमंड में चूर चूर था. घमंड के आगे उसमे कुछ भी सोचने समझने की क्षमता नहीं थी बस एक ही चीज उसके दीमाग पर सवार थी की वो दुनिया को जीत चूका है और अब वो महान सिकंदर है.

एक दिन वो अपने राज्य से बहार घुमने निकला जहा उसने एक फ़क़ीर को देखा , फ़क़ीर को देख सिकंदर उसके पास गया लेकिन फ़क़ीर उसपर हसने लगा. जिसे देख कर सिकंदर को अपमान महसूस हुआ. सिकंदर को लगा वो फ़क़ीर उसे शायद नहीं पहचानता. सिकंदर ने अपनी पहचान बताना चाही की वो इस दुनिया का विजेता है .. वो ” महान सिकंदर है ” जिसे सुन कर फ़कीर और ज्यादा हँसा. और फ़कीर ने कहा ” मुझे तुम्हारे अन्दर कोई म्हणता नजर नहीं आती , तुम एक साधारण हो ” ये सब सुन कर सिकंदर का गुस्सा बढ गया.

फ़कीर ने कहा , तुम अगर खुद को महान कहते हो तो मै तुमसे एक सवाल करना चाहता हु. सिकंदर ने फ़क़ीर को सवाल पूछने की अनुमति दी. फ़क़ीर ने पूछा तुम खुद को महान कहते हो इतना घमंड करे हो लेकिन अगर तुम किसी रेगिस्तान में फस जाओ. जहा दूर दूर तक कोई पानी नहीं कोई हरियाली नहीं सब सुखा और सुनसान तुम सिर्फ वहा पर अकेले हो तो क्या करोगे अपने इतने बड़े राज्य में से क्या दोगे की तुम्हे पानी मिल जाए.

सिकंदर ने कुछ देर विचार किया और कहा , मै अपना आधा राज्य दे दुगा. फ़क़ीर ने कहा अगर मै पानी देने के लिय आधे राज्य में न मानु तो क्या करोगे ?

सिकंदर ने जबाब दिया की ऐसी समस्या में मै पूरा राज्य दे दुगा. फ़क़ीर सिकंदर का जबाब सुन कर हँसा और कहा ” महान सिकंदर जिस राज्य पर तुम्हे इतना घमंड है उसकी कीमत सिर्फ एक पानी का गिलास है और कुछ नहीं. वक़्त बुरा आ जाये तो एक गिलास पानी के लिए तुम्हारा पूरा राज्य भी काफी नहीं होगा. फिर वहा खड़े हो कर चिल्लाना की तुम महान सिकंदर हो.”

 

 

 

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