Top Biggest Scam In India Detail In Hindi | भारत में हुए बड़े स्कैम जिसके बारे जानना चाहिए

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पिछले कई साल से भारत में हम रह रहे है। भारत में हम हररोज न्यूज पेपर में कही कही छोटे बड़े स्कैम के बारे में पढ़ रहे है। जिसमे से विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे Biggest Scam भी शामिल है।

अब तो ऐसा लगता है कि भारत में स्कैम होना आम बात हो गई है। लेकिन आज के इस आर्टिकल में हमने Top Biggest Scam In India के बारे में जानकारी दी है।

तो आइए जानते है वो घोटाले जिन्होंने देश को हिला कर रख दिया। 

Top Biggest Scam In India Detail In Hindi | भारत में हुए बड़े स्कैम जिसके बारे जानना चाहिए

पीएनबी घोटाला

आपने हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम तो सुना ही होगा, वही नीरव मोदी जो देश के सबसे बडे घोटालों मे से एक पीएनबी घोटाले के मामले मे अब तक देश से फरार है।

नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक मे 11 हजार करोड़ से ज्यादा घोटाले मे मामले मे आरोपी है। बीते कुछ समय पहले पंजाब नेशनल बैंक ने इस सबसे बड़े घोटाले की घोषणा की थी जिसके बाद से ही यह आरोपी देश से गायब है यानी भारत मे नही है और किसी दूसरे देश मे छिप कर बैठा है।

पंजाब नेशनल बैंक ने इस मामले मे गंभीरता दिखाते हुए बैंक के 10 कर्मचारियों को निलंबित किया है एवं इसके बाद इस घोटाले पर जांच की जा रही है। 

भारत की इस पंजाब नेशनल बैंक ने बीते कुछ समय पहले यह घोषणा की थी की इस बैंक ने अपने बैंक के सिस्टम मे तकरीबन 1.77 अरब डॉलर के घोटाले को पकड़ा है। 

बैंक द्वारा बताया गया है की भारत का हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से मुम्बई मे स्थित पंजाब नेशनल बैंक एक ब्रांच से नीरव मोदी द्वारा लिये गये ऋण की जानकारी सामने आई है। 

पंजाब नेशनल बैंक ने अपने एक बयान मे बताया है की इस उन्होंने अपने सिस्टम मे कुछ ऐसे अनाधिकृत लेनदेन को पकड़ा है जो फर्जी दस्तावेजों से लोन लेने की और प्रतीत करते है। इसमे यह भी बताया गया है की इन लेनदेन मे कुछ चुनिन्दा खाताधारकों को लाभ पहुंचाने हेतु ऐसा किया गया है एवं इसमें बैंक के कर्मचारियों की साठगाँठ भी इसमें सामने आती है। 

ऐसा भी बताया जा रहा है की उन चुनिंदा ग्राहकों ने अन्य बैंकों से भी लोन लिया है तो फर्जी दस्तावेजों की सहायता से लिया गया है।

हालांकि पीएनबी ने उन बैंकों के नाम के बारे मे कोई जिक्र अपने बयान मे नहीं किया है परन्तु ऐसा माना जा सकता है की यह बैंक भारत की कुछ प्रमुख बैंकों मे गिनी जाती है।

पीएनबी बैंक ने अपने बयान मे इस घोटाले मे एक मुख्य आरोपी का नाम लिया है जो की नीरव मोदी है। पीएनबी बैंक ने अपने बयान शिकायत मे भारत के हीरा कारोबारी नीरव मोदी का नाम लिया है जो की एक चौंकाने वाला मामला है। 

इस मामले मे दोषी नीरव मोदी ने पूरे पैसे चुकाने के लिए कुछ समय मांगा है। गौरतलब की बात है की वह भारत मे नही है बल्कि भारत से बाहर विदेश मे जहां से वह इस प्रकार के घोटाले को अंजाम देते है।

सीबीआई इस मामले मे जांच कर रही है, ऐसा माना जा रहा है की यह घोटाला तकरीबन 250 करोड़ रुपये का हो सकता है। 

इस मामले मे आगे अपडेट की बात करें तो इसमे नीरव मोदी उसके परिवार जनों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है जिसमे ईडी जांच कर रही है।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा ही भारत के यह हीरे के कारोबारी नीरव मोदी कभी फोर्ब्स की अमीरों की सूची मे शामिल हुआ करते थे परन्तु आज वे इस घोटाले मे आरोपी की लिस्ट में शामिल है। 

विजय माल्या द्वारा बैंक का 9000 करोड़ रूपए का घोटाला 

आपने शराब के कारोबारी कभी आईपीएल की टीम आरसीबी के मालिक रहे विजय माल्या का नाम तो सुना ही होगा।

जी हा!

मैं वही विजय माल्या कि बात कर रहा हु, जो देश को चूना लगाकर हजारों करोड़ रुपये लेकर भारत से दूर ब्रिटेन में जाकर छुप कर बैठा है।

भारतीय स्टेट बैंक समेत देश की कई बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लेकर देश छोड़ भागने वाले विजय माल्या पर 9000 करोड़ रुपये के लोन लेने वापस चुकाने का आरोप है। यह वही विजय माल्या है जो भारत की शराब कंपनी किंगफिशर से जुड़े हुए है। 

इस मामले मे देश की जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई इस मामले मे जांच कर रही है। ईडी द्वारा विजय माल्या को तकरीबन 9000 करोड़ रुपये का आरोपी बनाया गया है ज्ञात रहे ही विजय माल्या फिल्हाल देश मे बाहर ब्रिटेन मे रहता है जहां पर हमारी सरकार के साथ आंख मिचौली खेल रहा है। 

आप सोच रहे होगे की अब बैंक क्या करेगी?

बैंक मांग रहे है विजय माल्या की प्रोपर्टी

जिन बैंकों के साथ विजय माल्या ने लोन ली है उन बैंकों की ओर से बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने कहा कि एक वाणिज्यिक इकाई होने के नाते उनका इस मामले के अनुसार बैंकों का यह अधिकार है कि बैंक स्वयं अपने पास रखी गई सिक्योरिटी को लेकर क्या फैसला लेते हैं उनके लिए उनके पास पूर्ण रूप से छूट है।

ऐसा दावा किया जा रहा है की पूर्व मे कोर्ट ने यह फैसला दिया था की बैंक के पास रखी सिक्योरिटी पर बैंक के साथ साथ ऋण लेनदार का भी अधिकार है जो की इस बैंक से लोन लेते है। इस मामले मे कोर्ट के एक पूर्व जज ने इस बात का विरोध किया है की बैंक अपने पास रखी सिक्योरिटी पर कुछ फैसला नहीं ले सकती है।

इसके अलावा ऐसा भी कहा जा रहा है की विजय माल्या को देवालिया घोषित कर दिया गया है और उसकी प्रॉपर्टी को नीलाम कर बैंक अपना पैसा वसूल करेगी।

विजय माल्या पर अलगअलग बैंको पर से तकरीबन 9000 करोड़ रूपयों का लोन है। इसने भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, पीएनबी इत्यादि बैंक से लोन लिया है जिसके बाद से ही वह देश के बाहर चला गया है  

विजय माल्या ने देश की अलगअलग बैंकों से तकरीबन 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। कई बैंकों का कर्ज चुकाने के बदले यह विजय माल्या देश छोड़कर विदेश भाग गया विजय माल्या के खिलाफ देश में सीबीआई ईडी मिलकर जांच कर रही है। फिलहाल सरकार ने विजय माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया जिसमें कोई जमानत नहीं होगी। 

इस घटना के बाद विजय माल्या का भारतीय पासपोर्ट भी रद्द किया गया। भारत ने ब्रिटिश सरकार से विजय माल्या को भारत को सौंपने को कहा। इस मामले मे ब्रिटेन की लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में माल्या मामले पर सुनवाई हुई थी। ब्रिटेन की लंदन की कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। इस मामले मे ब्रिटेन के गृह सचिव के पास भी विजय माल्या की प्रत्यर्पण की फाइल पहुंची

ब्रिटेन के गृह सचिव ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की फाइल पर मुहर लगाई परंतु कोई सुनवाई अब तक नहीं हुई। 

सहारा बैंक घोटाला

सहारा बैंक का यह मामला शुरू होता है 2009 से जब सहारा ग्रुप स्वयं को शेयर बाजार मे जाने की इच्छा प्रकट कर रहे थे। इसके लिए उन कंपनियों द्वारा SEBI (Stock Exchange Board Of India)  मे आवेदन किया गया परन्तु इनके आवेदन के रिव्यू के दौरान SEBI को पता चला की इस बैंक ने गलत तरीके से बाजार से लोगों से पैसे उठाए थे जिसके बाद से उनकी मुसीबतें बढ़ती ही गई  

इस मामले के बाद सहारा बैंक के मुखिया के खिलाफ सेबी से देश की सर्वोच्च अदालत मे गुहार लगाई जहां पर कोर्ट ने उन दो कंपनियों को आदेश दिया की वै निवेशकों के पैसे वापस लौटाये।

उन दो कंपनियों मे सहारा ग्रुप की यह दो कंपनी शामिल है। जिसके नाम नीचे दिए हुए है।

No 1: सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL)

No 2: सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (SHICL)

भारत के स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की माने तो इस कंपनी तकरीबन 62,600 करोड़ रुपये गलत तरीके से उठाने का आरोप है। SEBI ने इस बात को प्राथमिकता दी है की अगर यह सहारा बैंक निवेशकों का पैसा नही लौटाती है तो उन्हें कस्टडी मे लेना चाहिए। SEBI ने अपने बयान मे अपने पहले के आदेशों का भी पालन नहीं किया है।

SEBI के अनुसार 2012 और 2015 मे भी इस बैंक को यह आदेश दिया था की वै निवेशकों के पैसे लौटाये परन्तु इस बैंक ने ऐसा नहीं किया। पुराने आदेश नहीं मानने पर सेबी ने कहा की सहारा बैंक के मुखिया से 15 प्रतिशत की दर से ब्याज भी वसूलना चाहिए। 

Sahara bond scheme मे गढबडी पाई गई थी।

निवेशकों ने सहारा की इस बांड स्कीम मे खूब पैसे लगाये थे, जिसके बाद उनको पता चला की इस स्कीम मे ही घोटाला है जो की बाद मे अवैध पाई गई।

उसके बाद अब निवेशको को पैसे देने के लिए कोर्ट मे सहारा ग्रुप और निवेशकों के बीच मे काफी हल्ला मच रहा है यानी कोर्ट मे इन दोनो के मध्य कानूनी लड़ाई चल रही है।

2014 को वो साल था जब सहारा बैंक के प्रमुख को कोर्ट ने अवमानना के मामले मे गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके 2 साल बाद 2016 मे इस बिल पर सहारा प्रमुख का बयान आया और उन्होंने कहा की ‘‘उन्होंने कुछ गलत नहीं किया’’ परन्तु इस पर SEBI का भी एक बयान आया जिसमे उन्होने कहा कीसहारा ने कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने की कोशिश की है। उसके साथ की उनकी देनदारी बढ़ती जा रही है और जमानत पर बाहर घूम रहे है।

वैसे सहारा का नाम देखा जाए तो काफी प्रचलित और मशहूर था। अगर आप भारत का क्रिकेट मैच देखते है तो आपको पता ही होगा ही पहले भारतीय क्रिकेट टीम की टी शर्ट पर सहारा को लोगो ( LOGO ) हुआ करता था।

मतलब सहारा ने कभी भारतीय क्रिकेट टीम को भी स्पॉन्सर किया करती थी। इसके साथ ही उनके देश प्रेमी भी काफी ज्यादा माना जाता है। 

लेकिन उनकी एक गलती ने आज इनको देश के सबसे बड़े कौभांड की लिस्ट में रख दिया है।

जी स्पेक्ट्रम घोटाला

देश का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला माने जाने वाला यह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला है जिसमे देश की आय  को तकरीबन 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मामला शुरू हुआ 2010 से जब भारत के महालेखाकार और नियंत्रक ने अपनी जांच रिपोर्ट मे 2008 मे हुए स्पेक्ट्रम डील मे सवाल उठाए थे। इस मामले के बारे मे अगर आप जाने तो आप जानेंगे की इस सरकार द्वारा की जाने वाली स्पेक्ट्रम की नीलामी मे इनको निलाम कर कौड़ियों मे दाम पर बेचा गया था।

जिसके बाद से सरकार के राजस्व मे काफी नुकसान हुआ और इतना ही नहीं इससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि भी खराब हुई। यह एक ऐसा घोटाला है जिससे देश की छवि तो खराब हुई ही साथ ही इस मामले मे स्वयं देश के प्रधानमंत्री को भी जवाब देने के लिए कोर्ट का रुख करना पड़ा। देश का यह सबसे बड़ा घोटाला माना जाते वाली 2जह स्पेक्ट्रम मामले मे कई आरोपियों को नोटिस दिया है। इसमें कई बड़ेनेता, अधिकारी, कंपनीया इसमे शामिल है। 

इस मामले के मुख्य आरोपी माने जाने वाले भारत के तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री राजा पर कई आरोप लगे है।

उन्होंने टेलिकाॅम मे सर्विस आवेदन करने के नियमों मे कई उलटफेर किये है। उन पर यह भी आरोप है की उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय की सलाह को भी दरकिनार कर दिया और इसमें टेलीकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाने का कार्य किया है।

उनके इस एक गलत कार्य की वजह से देश के खजाने को काफी नुकसान सहना पड़ा। हालांकि आपको बता दे कोर्ट मे इस मामले मे ऐसा कोई आरोप राजा पर साबित नहीं हो पाया है परन्तु इसे देश का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला माना जा सकता है। 

कॉमनवेल्थ घोटाला

बात 2010 की है जब भारत मे कॉमनवेल्थ गेम का आयोजन हुआ था। इन गेम मे भारत मे शानदार प्रदर्शन करते हुए 38 स्वर्ण पदक, 27 रजत पदक, 36 कांस्य पदों के साथ कुल 101 पद जीते थे। पर इन गमों मे एक सबसे घटिया बात रही की इस गेम के आयोजन मे भी एक बड़ा घोटाला देखने को मिला था।

भारत के खिलाड़ियों मे कॉमनवेल्थ खेलों मे अच्छा प्रदर्शन करते हुए देश का मान बढ़ाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी परन्तु वही दूसरी और देखे तो कुछ कमियां खामियां भी रही जिस वजह से इन खेलों मे घोटालों की आंख लगी।

देश हुए इन गेम्स के आयोजनाको ने दर्शकों के भरोसे को तारतार कर दिया। एक अनुमान की माने तो आयोजकों ने इस खेल मे देश के खजानें मे तकरीबन 70 हजार करोड़ रूपये का चुना लगाया है।

अगर बात करे इस गेम के आयोजन समिति की तो आपको बता दे की उस समय पूर्व कांग्रेस सांसद है जो इस आयोजन समिति के अध्यक्ष भी थें। इस मामले मे सीबाआई ने इस गेम से जुडे सुरेश कलमाडी को गिरफ्तार किया था।

सुरेश कलमाड़ी को पैसों के हेरफेर के मामले मे गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई द्वारा उन पर चार्जशीट लगाकर उन पर ये सभी आरोप लगाया है। इन आरोपों मे मुख्य रूप से आरोप है की उन्होंने कम पैसों की चीजों को काफी ज्यादा भाव पर खरीदा है।

इनमे कुल खर्च के बाद घोटालों की राशि की बात करे तो आपको कुछ फैक्ट्स बताते है जिन्हे देख कर आप चौक जायेंगे। 

  • इस गेम के आयोजन मे 4 स्टेडियम को बनाने मे पूर्व मे 100 करोड़ का बजट तय किया गया था लेकिन इस गेम के लिए स्टेडियम बनाने में करीब 2400 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गये।
  • इन गेमों का आयोजन करने के लिए जो भी सामान खरीदा गया उनके फर्जी बिल बनाये गये और इतना ही नहीं उन पर भी दोगुना तीन गुणा राशि का पैसा उठाया गया।
  • इन गेमों मे इस्तेमाल होने वाला टॉयलेट पेपर का मूल्य 80 रुपये माना जा रहा था परन्तु उसे उन्होंने 6400 रुपये मे खरीदा।
  • इतना ही नहीं इन खेलों मे इस्तेमाल होने वाली मशीनों को भी दोगुना भावों मे खरीदा गया।

इस घोटाले के मामले में आयोजन समिति के अध्यक्ष की बात करे तो सुरेश कलमाड़ी उसके बाद 9 महीने तक तिहाड़ जेल में बंद रहे, हालांकि इसके कुछ समय बाद उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। इन बातों से यह तो साफ है की यह भी देश के प्रमुख घोटालों मे से एक है। 

शारदा चिट फंड घोटाला

भारत के प्रमुख घोटालों की श्रेणी मे बात करे तो आपको बता दे की इसमे एक घोटाला कोलकाता का शारदा चिट फंड घोटाला भी इसमे शामिल है। इस घोटालों मे आरोपियों की बात करें तो इसमें बंगाल के कोलकाता के पूर्व कमिश्नर और ममता के करीबी इसके मुख्य आरोपी है।

इस मामले की जांच केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई कर रही है। आपको यह बात अजीब लगेगी की कोलकाता के इस शारदा चिटफंड घोटाले के मामले मे केंद्रीय एजेंसी सीबीआई जांच करना चाहती थी। 

इसके बाद सीबीआई ने राजीव कुमार के ठिकानों पर छापेमारी भी की लेकिन इस मामले मे कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को ही गिरफ्तार कर दिया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस पर एक सवालिया निशान जरूर लगा था, हालांकि कुछ समय बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था। इस मामले मे टीएमसी पार्टी के कुणाल घोष को भी गिरफ्तार किया गया था।

इसके अलावा शारदा के कई कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया। बंगाल की राजनीति के लिए यह शारदा एक पार्टी के लिए नासूर साबित हो सकता है तो वही दूसरी पार्टी के यह एक रामबाण साबित हो सकता है। 

बिहार का चारा घोटाला 

बिहार राज्य का यह सबसे बडा घोटाला भी भारत के इन प्रमुख घोटालों मे से एक है। यह केवल चारा घोटाला नहीं है वरन इसे पशुपालन घोटाला भी कहा जा सकता है। इसमे केवल घोटाले के आराम पर परन्तु इसमें आरोपियों पर यह भी आरोप है की उन्होंने बिहार के खजाने से गलत तरीके से पैसे निकाले है।

राजनीति की रोशनी मे घपलों के दाग इतने वर्ष तक तत्कालीन सरकार लगाये गये परन्तु उस समय लोगों को कानों कान खबर नहीं हुई। परन्तु इस मामले मे जब जांच की गई तो इसमें भ्रष्टाचार के दाग पहुँचतेपहुँचते तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तक पहुच गये। 

इस मामले के शुरुआती समय मे यह 1-2 करोड़ रुपयों का था जो की अब पहुंचपहुंचते यह 900 करोड़ रुपयों का हो गया है। इस घोटाला मे केवल पशुपालन ही नही इसमें और भी कई पहलू है। यह घोटाला तो हुआ ही पर इसके साथ ही बिहार सरकार द्वारा इससे संबंधित हिसाब रखते मे भी काफी गड़बड़ियां हुई। इस मामले मे मुख्य आरोपी तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को माना गया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

Top Biggest Scam In India Detail In Hindi : Conclusion 

दोस्तो आज के इस आर्टिकल में आपने जाना की भारत में अब तक हुए Top Biggest Scam के बारे में। दोस्तो इन घोटालों के बारे मे सून कर ऐसा लगता है की कुछ लोग अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए ऐसे कार्य करते है।

Note: दोस्तो इस आर्टिकल में मने आपको जो भी ये घोटाले के बारे में बताया है और जिन लोगो के बारे में मैंने आपको बताया है वो सभी जानकारी इंटरनेट से ली हुई है। इसके अलावा कुछ जानकारी और आंकड़े newspaper की मदद से लिए है।

उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपको भारत के यह Biggest Scam के बारे में जानकारी अच्छी लगी हो और हेल्पफुल लगी हो तो अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर शेयर जरुर करे।

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