महाभारत काल से मृत्यु के लिये आज भी भटक रहा है Ashwathama

5

महाभारत काल से मृत्यु के लिये आज भी भटक रहा है Ashwathama

Ashwathama Still Alive | साहित्य की सबसे अनूठी कृति महाभारत आज भी सभी हिन्दुओं के लिए जिज्ञासा का धार्मिक केंद्र है. इस ग्रन्थ में न्याय , प्रेम , शिक्षा , ज्योतिष और सभी शास्त्रों का वर्णन मिलता है. इस में वर्णित सभी अद्भुत एवम रोचक घटनाएं आज के समय में सभी को जानने के लिए आकर्षित करती हैं.

ऐसी ही महाभारत से जुडी एक घटना यह भी है की कहा जाता है Ashwathama आज भी अपनी मृत्यु के लिए इस युग में भटक रहा है. जिसके प्रमाण उस जगह के आस पास रहने वाले बुजुर्ग महसूस करते है.

अब सवाल यह है की Ashwathama से जुडी ऐसी बातो के पीछे का कारण क्या है ? क्यों Ashwathama बाकी सैनिको और योद्धाओं की तरह वीरगति को प्राप्त नही हुआ ? क्या Ashwathama को कोई श्राप मिला था ? इन सभी बातो पर बात करने से पहले आइये जानते है अश्व्थामा कौन था.

श्री कृष्ण , अर्जुन , भीम , भीष्म , द्रौनाचार्य जैसे माहारथियों के सामने अश्व्थामा के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है लेकिन अश्व्थामा महाभारत के एक महत्वपूर्ण पात्र था जो यदि चाहता तो महाभारत का स्वरूप बदल सकता था.

कौन है Ashwathama ? 

अश्व्थामा गुरु द्रौनाचार्य और कृपाचार्य की बहन कृपी का पुत्र था जिस से द्रौनाचार्य बेहद ही प्यार करते थे. Ashwathama से अधिक स्नेह के चलते ही द्रौनाचार्या को महाभारत के युद्ध के दौरान कौरवों का साथ देना पड़ा था जबकि वह जानते थे की यह धर्म के खिलाफ है फिर भी पांडवों के खिलाफ वह कौरवों का समर्थन करने युद्ध में उतरे.

गुरु द्रौनाचार्य की म्रत्यु

द्रौनाचार्य पांड्वो की जीत में बड़ी बाधा बन चुके थे. श्री कृष्ण के साथ साथ सभी पांडव जानते थे की द्रौनाचार्या के होने से पांडवों की विजय सम्भव नहीं है. जिसके कारण सभी पांडवों ने कृष्ण के साथ मिलकर द्रौनाचार्या को मारने की योजना बनायीं.

Ashwathama
Image Source : Google

योजना के तहत महाबली भीम ने युद्ध में Ashwathama नाम के एक हाथी का वध कर युधिष्ठिर के हाथो यह खबर फैलाई की Ashwathama का वध हो चूका है. जिसे सुनकर द्रौनाचार्या ने अश्त्र शस्त्र त्याग दिए और समाधि लेकर बैठ गये.जिसका लाभ द्रौपदी के भाई ने उठाया और गुरु द्रौनाचार्या का सर धड से अलग कर दिया.

पांडवों पर हमला

अपने पिता की मौत की खबर सुनकर Ashwathama क्रोध से आगबबुला हो उठा और अपने पिता की मौत का बदला लेने की कसम खायी. युद्ध के अंतिम क्षणों में Ashwathama ने पांडवों के शिविर पर रात में हमला कर दिया जिसमे कई योद्धाओं की मौत हुयी साथ ही साथ अपने पिता के हत्यारे समेत द्रौपदी के सभी बेटों को भी Ashwathama ने मौत के घात उतार दिया.

अपनी इस हरकत के बाद अश्वथामा भी अपने अंजाम से वाकिफ था जिसके चलते वह पांड्वो का शिविर तुरंत ही छोड़ कर भाग निकला. जिसके बाद अर्जुन और श्री कृष्ण ने द्रौपदी को Ashwathama का सर उसके पैरो में अर्पित करने का वचन दिया.

Ashwathama की तलाश में निकले अर्जुन और श्रीकृष्ण ने उसे ढूंड लिया लेकिन खुद को बचाने के लिए अश्व्थामा ने ब्रम्हास्त्र का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. जिसके साथ ही अर्जुन श्रीकृष्ण और अश्व्थामा में युद्ध हुआ. जिसके बाद अर्जुन ने अश्व्थामा को अपने वश में कर लिया और द्रौपदी के समक्ष ला पटका. द्रौपदी का कोमल ह्रदय अश्व्थामा को इस हालत में देख पिघल गया और उसने अर्जुन से इसे बन्धमुक्त करने का आग्रह किया.

श्रीकृष्ण का श्राप

द्रौपदी द्वारा अश्व्थामा को बन्धमुक्त कराने के बाद श्रीकृष्ण ने Ashwathama को श्राप देते हुए कहा , तू पापी लोगो का पाप ढोता हुआ हजारो वर्षों तक निर्जन स्थानों पर भटकेगा. तेरे शरीर से सदैव दुर्गन्ध आती रहेगी. तू अनेक रोगों से ग्रसित रहेगा और समाज तेरे से दूरी बनाये रहेगा.

कहा जाता है की श्रीकृष्ण के इस श्राप के बाद से ही Ashwathama आज भी अपनी मौत के लिए भटक रहा है. जिस बात को आज भी बुरहानपुर के निवासी महसूस करते है.

 

Ashwathama
Image Source : Google

स्थानीय लोगो के अनुसार Ashwathama आज भी भटकते हुए दिखाई देते है जिसके मस्तिष्क से खून की धारा सदैव निकलती रहती है और वह हल्दी तेल की मांग करते है.कई लोगो का यह भी मानना है की Ashwathama को देखने वाला व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो देता है.

Ashwathama
Image Source : Google

कुछ लोगो का मनना है की अश्व्थामा उतावली नदी में स्नान करने के बाद प्रत्येक दिन पास के मंदिर में मौजूद शिवलिंग की पूजा करने आते है जिसके लिए वह मन्दिर के चारो तरफ मौजूद खाई वाले रास्ते में बने किसी गुप्त रास्ते का इस्तेमाल करते है. इसके पीछे का तथ्य यह है की उस मन्दिर के आस पास परिंदा भी पर नही मारता लेकिन प्रयेक दिन शिवलिंग पर ताजे पुष्प पाए जाते है.

Ashwathama
Image Source : Google

कहा जाता है इस संसार में आठ लोग अमर है , राजा बली , व्यास जी , हनुमान जी , विभीषण , कृपाचर्या , परशुराम ,ऋषि मार्कण्डेय. जिसमे Ashwathama का नाम भी आता है.

Source : Youtube

अन्य प्रष्ठ :

आइये जूते से सीखते है जिन्दगी का मतलब

क़ुतुबमीनार के ऊपर दिखा उड़ता हुआ इंसान

PORN देखने वालों को लूटते है ऐसे .. हो जाइये सावधान

इन न्यूज़ को पढ़ कर आप भी हो जायेगे हैरान

जानिये .. सपने में शराब पीने का अर्थ | Drinking alcohol in dreams