Hindi Motivational Story By Sandeep Maheshwari

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Hindi Motivational Story By Sandeep Maheshwari

 

संदीप महेश्वरी , ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. संदीप महेश्वरी ने अपनी मेहनत और लगन से कई कीर्तिमान स्थापित किये है और आज वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. संदीप महेश्वरी के नाम PHOTOGRAPHY में WORLD RECORD भी दर्ज है. संदीप महेश्वरी अपने जीवन में सफलता की सीढियां चढ़ने के साथ साथ दूसरो का हाथ भी थाम कर चलने का प्रयास करते है जिस से इस देश का युवा भी ऊचाइयों को छू सके.

ऐसी ही सीख संदीप महेश्वरी ने अपनी इस कहानी के जरिये सब तक पहुचने का प्रयास किया है.

 

Hindi Motivational Story By Sandeep Maheshwari

 

ये कहानी है एक गाँव के दो छोटे बच्चो की जिनकी उम्र 6 और 10 साल होती है. एक दिन वह दोनों घूमते घूमते अपने घर से काफी दूर चले है. चलते चलते दोनों को प्यास लगती है और वे एक कूए के पास जा कर पानी पीने का प्रयास करने लगते है , लेकिन फिसलने के कारण बड़ा बच्चा कूए में गिर जाता है.

 

दोनों डर और घबडाहट से चिल्लाने लगे और अपनी मदद के लिए आवाजे लगाते लेकिन दूर दूर तक कोई नहीं था. तभी छोटे बच्चे ने पास में रखी पानी की बाल्टी कूए में फेकी और बड़े वाले को उसे पकड़ने को कहा. छोटा बच्चा ऊपर से रस्सी पूरी ताकत और जोर से खीचने लगा और काफी देर कोशिश के बाद उसने अपने साथी को बाहर निकाल लिया.

 

दोनों बहुत खुश हुए एक दुसरे के गले मिलने लगे लेकिन दोनों परेशान भी थे की अब हम घर जा कर ये बतायेगे तो बहुत डाट पड़ेगी.

दोनों डरते हुए घर वापस पहुचे. सबको इस बारे में बताया लेकिन सब हसने लगे , किसी ने उन दोनों की इस बात पर विश्वास नहीं किया. क्युकी छोटा बच्चा इतना कमजोर था की पानी की बाल्टी ठीक से नहीं उठा सकता था तो वह उस बड़े बच्चे को कैसे खीचेगा. सबको उनकी बात मजाक लगी.

 

किन्तु उस गाँव के एक बुजुर्ग ने उन दोनों बच्चो की बात पर विश्वास कर लिया. इतने समझदार बुजुर्ग को बच्चो का साथ देता देख गाँव के सभी लोगो को लगा वह बुजुर्ग भी बच्चो के साथ बचपने में है. उन्होंने बुजुर्ग से कहा , आप इतने समझदार है पर बच्चो का साथ दे रहे है , ये बात हमारी समझ से बाहर है , ऐसा कैसे हो सकता है ?

 

बुजुर्ग ने हस्ते हुए उत्तर दिया , इसमें मै क्या बताऊ आप सभी को बच्चा बता तो रहा है की उसने ये सब कैसे किया. बाल्टी डाली और ऊपर खीच लिया.

 

गाँव वाले शांत हो गये लेकिन संतुष्ट अब भी नहीं थे. ये देख बुजुर्ग ने सभी को प्यार से समझाया.

 

सवाल ये नहीं है की छोटा बच्चा ये कैसे कर पाया .. सवाल ये है की वो क्यों कर पाया ?

उसमे इतनी ताकत कहा से आयी इसका एक ही जबाब है , जिस समय उस बच्चे ने ये सब किया वहा दूर दूर तक उसे ये कहने वाला कोई नहीं था की “ वह ये नहीं कर सकता ” यहाँ तक की वह खुद भी नहीं.

 

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