आपकी शक्ति अपार है | Motivation in Hindi

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Motivation in Hindi : आपकी शक्ति अपार है

हम सभी अपने जीवन में कुछ बड़ा और दूसरों से अलग करने के सपने देखते है. इसके लिए कई बार हम कुछ कोशिशे भी करते है लेकिन अक्सर ही कुछ प्रयासों के बाद सफलता न मिलने पर निराश हो कर बैठ जाते है या फिर यूँ कहे हताशा के कारण खुद ही ये मान लेते है की वह कार्य हमारे बस का नहीं है.

कई बार हमारे आस पास के लोग हमारे उस सपने को लेकर हंसी मजाक या फिर तंज कसते हुए भी दिखते है. जिस से हमें खुद भी यह लगने लगता है की शायद हम यह सच में नही कर सकते.

आज Motivation in Hindi लेख में हम बात करेगे दो बच्चो की ऐसी ही कहानी पर जो हम सभी को खुद पर भरोसा और दूसरों की नकारात्मक बातो पर ध्यान न देकर अपने लक्ष्य की ओर कदम बढाने की शिक्षा देती है. Motivation in Hindi शुरू करने से पहले हम सभी को एक बात हमेशा ही ध्यान में रखना है, यदि आप दूसरों की बातों और हंसी से खुद के लक्ष्य को छोड़ कर बैठे रहेगे तो वही लोग आपके बैठे रहने पर भी हंसेगे.

आपकी शक्ति अपार है !

Motivation in Hindi में यह कहानी है बिहार के बेहद ही छोटे और पिछड़े हुए गाँव की जहाँ शेखर और बिट्टू नाम के दो बच्चे रहा करते थे. जिनकी उम्र 4 (शेखर) साल और 9 ( बिट्टू ) साल थी. दोनों साथ में खेला करते और हमेशा ही घुमने साथ में जाते. बिट्टू अपने मित्र का काफी ख्याल रखता और छोटे भाई की तरह प्रेम करता.

एक बार शाम के समय शेखर और बिट्टू पतंग उड़ाते गाँव से काफी आगे शांत जगह चले गये जहां खेलते खेलते बिट्टू अचानक कुएं में जा गिरा. जिसे देख शेखर बेहद घबरा गया और चीखने चिल्लाने लगा लेकिन मदद के लिए सुनने वाला कोई नहीं था. काफी रोने और कोशिशों के बाद भी जब कोई बचाने नही आया तो शेखर ने कुँए में रस्सी से बंधी बाल्टी फेंकी और बिट्टू को उसे पकड़ने को कहा. बिट्टू ने बाल्टी पकड़ी और शेखर अपना पूरा दम रस्सी को ऊपर खीचने में लगाने लगा. काफी मेहनत और प्रयत्नों के बाद बिट्टू को छोटे शेखर ने सुरक्षित बाहर निकल लिया.जिसके बाद दोनों ने राहत की सांस ली और ख़ुशी के मारे गले मिलने लगे.

लेकिन , दोनों को अब गाँव वापस जा कर डाट पड़ने का डर सता रहा था. दोनों को ही लग रहा था की जब गाँव वालों को यह बात पता चलेगी तो उनकी पिटाई होगी. जब शेखर और बिट्टू गाँव वापस पहुचे तो उन्हें इसके विपरीत लोगो का चेहरा देखने को मिला, गाँव के सभी लोग उन दोनों की बातों को सुनकर हंस रहे थे की भला छोटा शेखर इतने बड़े बिट्टू को कैसे खींच सकता है. जिन्हें देख शेखर और बिट्टू को बेहद ही आश्चर्य हुआ और वह सभी को इस बात पर यकीन दिलाने की कोशिश करने लगे लेकिन कोई नहीं माना. जिसके बाद सभी लोगो ने गाँव के बुजुर्ग राहिल चाचा पास जाने का फैसला किया. जो की बेहद ही समझदार और सुलझे इंसान थे. सभी ने राहिल चाचा को बच्चो की बात बताई जिसे सुनकर राहिल चाचा ने उसे तुरंत मान लिया की बच्चो के साथ ऐसा हुआ होगा.

गाँव वालों ने राहिल चाचा पर भी यकीन करने से इंकार कर दिया और सवाल करने लगे की ऐसा कैसे हो सकता है ? छोटा शेखर अपने से भारी बिट्टू को कैसे ऊपर खीच लेगा ?

राहिल चाचा मुस्कुराए और उन्होंने जबाब दिया, शेखर ने ऐसा इसलिए किया क्योकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचा था. उस समय उसे यह कहने वाला भी कोई नहीं था की वह ऐसा नहीं कर सकता इसी के साथ साथ शेखर को यह सोचने का समय भी नहीं था की वह खुद से यह काम कर सकता है या नहीं. जिसके कारण शेखर यह काम करने में सफल हुआ.

शिक्षा : Motivation in Hindi लेख की इस कहानी से शिक्षा मिलती है की यदि हम अपने समाज, आस पास के लोगों की बातों में आकर अपने लक्ष्य को छोड़ देंगे या फिर कुछ ही प्रयासों के बाद खुद ही यह मान लेगे की यह काम हमारे बस कर नही है तो वह लक्ष्य सच में ही हमारे बस का नही रह जायेगा. इसलिए नकारात्मक बातों पर ध्यान देने से अच्छा है की हम अपना ध्यान सिर्फ लक्ष्य की ओर केन्द्रित करे.

Inspirational Story of Sachin

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