Motivational story in hindi by Shiv Khera | बोले हुए शब्द वापस नहीं आते

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Short Motivational and Inspirational story in hindi by Shiv Khera | बोले हुए शब्द वापस नहीं आते

 

हमारी दिन प्रतिदिन की जिदंगी में कई बार ऐसा होता है जब हम किसी को न चाहते हुए भी भला बुरा कह जाते है जिसके बाद हमे खुद को भी बहुत बुरा लगता है. इसी से जुडी एक कहानी जो शिव खेड़ा द्वारा किताब ” You Can Win By Shiv Khera ” से ली गयी है.

 

ये कहानी है ऐसे किसान की जो अपने पडोसी को गुस्से में कुछ अपशब्द कह देता है जिसके बाद उसे काफी बुरा लगता है. अपनी गलती सुधारने के लिए वह अपने पडोसी से किस प्रकार बात करे उसे समझ नहीं आता. काफी सोचने के बाद वह किसान एक संत के पास जाता है और अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछता है.

किसान द्वारा सब कुछ बताने के बाद संत ने उसे कहा , ” तुम एक काम करो ढेर सारे पंख इक्कठा कर के उसे बीच चौराहे पर रख आओ ”

संत द्वारा बताये गये उपाय को किसान मानते हुए ढेर सारे पंख इकठ्ठा करता है और उन्हें एक चौराहे पर रख आता है.

किसान आ कर संत को कहता है आपने जैसा कहा था उसी प्रकार पंखो को मैंने चौराहे पर रख दिया है. संत ने उसे कहा ” 1 घंटे बाद उन सभी पंखो को वापस ले कर आना है ”

वह किसान संत के कहे अनुसार 1 घंटे बाद उसी चौराहे पर पंख लेने जाता है लेकिन वह पंख हवा में इधर उधर उड़ चुके होते है. उसे पंख नहीं मिलते और काफी देर के बाद वह खाली हाथ संत के पास आता है.

संत समझाते है की , ” ठीक इसी प्रकार हमारे शब्दों के साथ भी होता है. हम अपने मुख से बात आसानी से निकाल तो सकते है लेकिन अपनी बात को वापस नहीं ले सकते. ”

इसलिए ..  कुछ भी कहने से पहले हमेशा ध्यान रखो कुछ ऐसा मत बोलो जिस से बाद में तुम्हे भी बुरा लगे और सामने वाले को भी. हम अपनी बात को गलत मान कर क्षमा तो मांग सकते है लेकिन अपने बोले हुए शब्द वापस नहीं ले सकते.

 

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